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Mahashivratri Shubh Muhurt 2024 : महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त कब है, भोलेनाथ को कैसे प्रसन्न करें

Mahashivratri Shubh Muhurt 2024 – महाशिवरात्रि कब है 8 मार्च को या 9 मार्च को इसको लेकर लोगों के बीच मतभेद बना हुआ है। इस बार महाशिवरात्रि का शुभ मुहुर्त कब है और महाशिवरात्रि का व्रत कब किया जाएगा। इस बार महाशिवरात्रि में 5 अति शुभ संयोग बन रहे हैं, पूजा का अबूध शुभ मुहूर्त कब रहेगा। महाशिवरात्रि की पूजा में कुछ चीजें ऐसी है जिसे आपको पूजा में जरूर शामिल करना चाहता है। क्योंकि बिना इन चीजों को देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा अधूरी मानी जाती है। 300 साल बाद महाशिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग से 5 राशियों पर शिव जी मेहरबान रहेगें।

Mahashivratri Shubh Muhurt
Mahashivratri Shubh Muhurt

Mahashivratri Shubh Muhurt 2024

हिन्दी कैलेंडर के अनुसार हिन्दू धर्म में प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष के चतुर्थी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। इसी कारण इस दिन महाशिवरात्रि मनाई जाती है। लेकिन इस बार चतुर्थी तिथि को लेकर मतभेद बना हुआ है। क्योंकि फाल्गुन माह की चतुर्थी तिथि दो दिन पड़ रही है। और ऐसे में इस बार महाशिवरात्रि कब मनाई जाए। सही निश्चित तारीख कब रहेगी, महाशिवरात्रि कब मनाई जाएगी। इसी को लेकर उत्तर प्रदेश के काशी के पंडितों द्वारा निकाला गया यह शुभ मुहूर्त जान लेते हैं।

Mahashivratri  2024 पौराणिक कथा

हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि के पर्व को बेहद खास माना जाता है। इसलिए इस दिन देवों के देव महादेव और माता गौरी की भी पूजा अर्चना की जाती है। हर शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता गौरी का विवाह उत्सव मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भक्त इस दिन माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा और व्रत करते हैं। उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। उनकी शादीशुदा जिन्दगी में आ रही सभी परेशानी दूर होती है। जीवन के सभी दुखों को नाश होती है। और आपके जीवन में शुभ मंगल सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

महाशिवरात्रि पूजन सामग्री

Mahashivratri Pujan Samgri – महाशिवरात्रि में शिव – गौरी की पूजा के लिए शिवलिंग, कुश का आसन, गंगाजल, आंक के फूल, गुलाब के फूल, पंचामृत, पंचमेवा, पांच फल, शहद, शक्कर, भांग, दही, भस्म, केसर, धतूरा, शमी की पत्ती, मौली, रोली, अक्षत (चावल), इलायची, सुपारी, रूद्राक्ष, सफेद चंदन, गन्ने का रस, हलवा, मां पार्वती के लिए सुहाग सामग्री, गाय का दूध, धी, सफेद फूल, कमल, अभ्रक, महादेव के लिए वस्त्र, ठंडई, लस्सी, मालपुआ, मिठाई, शिव आरती की किताब, शिव चालीसा की किताब और हवन सामग्री समेत पूजा की सभी चीजें एकत्रित करके पूजा आरम्भ करें।

ज्योतिषाचार्य द्वारा शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य भट्ट का कहना है कि महाशिवरात्रि की पूजा के लिए फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि में निशिता मुहूर्त का विचार किया जाता है। उसी के आधार पर ही महाशिवरात्रि की सभी तारीख को निश्चित की जाती है। हिन्दी पंचांग के अनुसार इस साल 8 मार्च शुक्रवार को रात 09 बजकर 57 मिनट पर फाल्गुन कृष्ण चतुर्थी तिथि का शुभारंभ होगा। और यह तिथि 9 मार्च शनिवार को शाम 6 बजकर 17 मिनट तक मान्य रहेगी। ऐसे में महाशिवरात्रि के लिए चतुर्दशी तिथि में निशिता मुहूर्त 8 मार्च को प्राप्त हो रहा है। क्योंकि 9 मार्च को चतुर्दशी तिथि शाम में ही खत्म हो रही है। इस वजह से इस साल महाशिवरात्रि का पावन पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा।

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महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त समय 

महाशिवरात्रि के पावन पर्व की तारीख 8 मार्च बिल्कुल सही है। 8 मार्च को महाशिवरात्रि की निशिता पूजा मुहूर्त 12 बजकर 7 AM से 12 बजकर 56 AM तक रहेगा। इस मुहूर्त में शिव मंत्रों की सिद्धि के लिए पूजा पाठ करते हैं। सामान्य जन महाशिवरात्रि की पूजा सूर्योदय से लेकर रात तक, किसी भी समय शिव पूजा कर सकते हैं। लेकिन जो बड़े -बड़े शिव मंदिर हैं वहां पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा निशिता मुहूर्त में ही की जाएगी। 8 मार्च को ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 5 बजकर 1 मिनट से प्रातः 5 बजकर 50 मिनट तक है। महाशिवरात्रि के दिन का शुभ मुहूर्त यानि अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 8 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।

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